बहुत नाच जिनिगी नचावत रहल
हँसावत ,खेलावत , रोआवत रहल
कहाँ खो गिल अब ऊ धुन प्यार के
जे हमरा के पागल बनवत रहल
बुरा वक्त में ऊ बदलिए गइल
जे हमरा के आपन बतावत रहल
बन्हल कहाँ ऊ कब्बो छंद में
जे हमरा के हरदम लुभावत रहल
उहो आज खोजत बा रस्ता हजूर
जे सभ का के रस्ता देखावत रहल
जमीने प बा आदमी के वजूद
तबो मन परिंदा उडावत रहल
कबो आज ले न रुकल ई कदम
भले मोड़ पर मोड़ आवत रहल
लिखे में बहुत परान तडपल तबो
ई गीत हम आज सुनावत रहल ....